आज ही के दिन 16 साल पहले 31 अक्टूबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ धोनी ने नाबाद 183 रन बनाए थे।
बहुत छोटे थे तब अक्सर इस उम्र की बातें याद नहीं रहती पर मेरे साथ उल्टा है। मुझे पुरानी बातें सचित्र याद रहती और रोजमर्रा की बातें भूलते रहते है। वो मैच हम रेडियो पर सुन रहे थे ईंट पर बैठ कर...आसपास के चाचा-बाबा लोग और मेरे बाबा जो क्रिकेट के बहुत बड़े प्रशंसक थे, एक भी मैच नहीं छोड़ते और मेरे अंदर भी क्रिकेट के प्रति दीवानगी उन्हीं की देन है।
बात करें उस मैच की तो श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन का तब के समय के लिए पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया था। ओपनर कुमार संगकारा ने ताबड़तोड़ और नाबाद शतकीय पारी खेली थी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी ने 145 गेंदों पर नाबाद 183 रन बनाए। तब शतक और 183 रन के बड़े व्यक्तिगत स्कोर से ज्यादा खुशी इस बात की थी कि धोनी ने उस पारी में शानदार 10 छक्के लगाए थे और हेलीकॉप्टर शॉट का जलवा बिखेरा था। श्रीलंका के दो महान और खतरनाक अनुभवी गेंदबाजों चमिंडा वॉश और मुथैया मुरलीधरन की खूब धुनाई की थी।
धोनी द्वारा 9 छक्के लगाने के बाद अंत में जीत से पहले भगवान से दुआ कर रहे थे की 10 वां छक्का लगाए..जब मारा तो उछलने लगे थे..फिल्म की तरह याद है वो पल..जीवन में पहली बार किसी बल्लेबाज को एक पारी में 10 छक्के लगाते देखा।
महीनों उसकी चर्चा होती रही। क्रिकेट के हर बहस में इसका जिक्र मिल ही जाता। धोनी के खेलने के अंदाज, हेयरस्टाइल, बल्ले आदि हर एक चीज का के बारे में लोग बहुत रुचि के साथ सुनते थे। फिर उसके बाद वैसी चर्चा मैंने 2007 और 2011 के विश्वकप जीत तथा सचिन के दोहरा शतक लगाने पर ही सुनी। आज क्रिकेट को लेकर वो दीवानगी कहां...!